
कोलकाता लॉ कॉलेज में छात्रा से गैंगरेप का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। कोलकाता पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि 24 साल की छात्रा को दो आरोपी गेट से घसीटकर दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज परिसर के अंदर ले जा रहे हैं।
पुलिस के मुताबिक छात्रा के साथ कॉलेज परिसर के गार्ड रूम में गैंगरेप किया गया। इसमें दो सीनियर छात्र और एक पूर्व छात्र शामिल था। वीडियो से छात्रा के आरोप की पुष्टि हो रही है। छात्रा ने कहा था कि मुख्य आरोपित मनोजीत मिश्रा ने दो लोगों को उसे जबरन गार्ड रूम में ले जाने का निर्देश दिया था।
एक पुलिस अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, “सीसीटीवी फुटेज महिला के आरोपों की पुष्टि करता है। इसमें तीनों आरोपियों, सुरक्षा गार्ड और पीड़िता की हरकतें दिखाई देती हैं। हम फिलहाल फुटेज की जाँच कर रहे हैं।”
इस मामले में मुख्य आरोपित मोनोजीत मिश्रा समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनके मोबाइल फोन से वीडियो क्लिप भी बरामद किया गया है।
इससे पहले रविवार (29 जून 2025 ) को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने कॉलेज का दौरा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ छिपाने की कोशिश की गई थी। मजूमदार ने कहा कि पुलिस आयोग के साथ पूरी तरह से सहयोग नहीं कर रही है।
छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के विरोध में बीजेपी ने रविवार शाम को कोलकाता में महिला सुरक्षा यात्रा निकाली। रैली का नेतृत्व पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने किया। रैली में भाजपा कार्यकर्ता हाथों में मशाल लिए पीड़िता को न्याय देने की माँग कर रहे थे।
मजूमदार ने कहा, “पीड़िता का परिवार भारी दबाव में है। पुलिस को नहीं पता कि वह इस समय कहाँ है। उन्होंने मुझे अपराध स्थल का वीडियो रिकॉर्ड करने से भी रोक दिया।”
इस बीच ये भी बात सामने आई है कि इस मामले के मुख्य आरोपित मोनोजीत मिश्रा का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। उसके साथ पढ़ने वाले छात्र टीटस मन्ना ने दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के नेता के रूप में मोनोजीत जाना जाता है। वो छात्राओं को परेशान करने और स्टूडेंट्स के साथ हिंसा करने के लिए जाना जाता था, लेकिन उसका प्रभाव इतना था कि हर बार वह बच निकलता था।
टीटस ने बताया कि वह और मोनोजीत 2012 से साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में टीएमसीपी से जुड़े थे। 2013 में एक हिंसक घटना के बाद वह मोनोजीत से दूर हो गया।
टीटस ने याद करते हुए बताया, “मोनोजीत के खिलाफ 2013 में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था, जब उसने कथित तौर पर एक कैटरिंग कर्मचारी को चाकू मार दिया था और उसकी उंगली काट दी थी।” घटना के बाद, मोनोजीत कुछ सालों के लिए कैंपस से गायब हो गया।
2016 में मामला ‘गुपचुप तरीके से सुलझ’ जाने के बाद वह फिर से कॉलेज आने लगा। हालाँकि जब उसने 2017 में छात्र राजनीति में लौटने की कोशिश की, तो टीएमसीपी नेताओं ने उसे रोक दिया, लेकिन आगे चल कर वह शामिल हो गया।