Welcome to Lokayukt News   Click to listen highlighted text! Welcome to Lokayukt News
Latest Story
blankखरदर माता स्थान का होगा सौंदर्यीकरण, विधायक पी.एन. पाठक ने किया 1.53 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यासblankअनामिका के बदलते बयान: कानून से खिलवाड़ या दबाव की साज़िश?blankपडरौना उपकेंद्र से कल पांच घंटे रहेगी बिजली आपूर्ति बाधितblankकुशीनगर में 26 सितंबर को लगेगा एक दिवसीय रोजगार मेलाblank950 कैप्सूल नशीली दवा के साथ युवक गिरफ्तार, बाइक भी जब्तblankकल सुबह 9 बजे से 3 बजे तक दुदही क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति रहेगी बन्दblankबेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए गोडरिया फीडर पर छटाई अभियान शुरूblankप्रेमी संग मिलकर पत्नी ने पति की हत्या, 24 घंटे में पुलिस ने किया खुलासाblankराष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 140251 वादों का हुआ निस्तारणblankसपा नेता जावेद इकबाल ने लगाई चौपाल, किसानों के मुद्दों पर सरकार को घेरा
प्रखर साहित्य संगम की 130वीं मासिक कवि गोष्ठी में गूंजे काव्य के सुर

प्रखर साहित्य संगम की 130वीं मासिक कवि गोष्ठी में गूंजे काव्य के सुर

blank ओंकारेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में हुआ आयोजन, कवियों ने श्रोताओं का मन मोहा लोकायुक्त न्यूज  बनकटा बाजार, कुशीनगर। प्रखर साहित्य संगम, बेलवा द्वारा आयोजित 130वीं मासिक कवि गोष्ठी रविवार को ओंकारेश्वर महादेव मंदिर, बेलवा कारखाना के प्रांगण में संपन्न हुई। हर माह की तरह इस बार भी काव्य प्रेमियों की मौजूदगी में कार्यक्रम में भावों की सुंदर रसधारा बही और श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से कवियों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ सुप्रसिद्ध संगीतज्ञ मंगल प्रसाद की मधुर सरस्वती वंदना "वीणा वादिनी वर दे" से हुआ, जिसने वातावरण को सुरमय बना दिया। इसके बाद मुरारी मतवाला की हास्य-विनोदी कविता "सगरो रिश्ता क के देखीं एगो रिश्ता साढ़ू के" ने खूब ठहाके बटोरे। आकाश महेशपुरी की रचना "जिनिगिया हरदम नाच नचाइ" ने कार्यक्रम को ऊंचाई दी, जबकि हिमांशु शेखर की कविता "शब्दों के परिवहन मार्ग में" ने विचारशीलता का संचार किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन कर रहे संतोष संगम ने "नजरिया ह चाभी नजरिया ह ताला" सुनाकर भावों की गहराई से श्रोताओं को जोड़े रखा। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि उमेश चौबे 'अश्क' ने की, जिनकी गरिमामयी उपस्थिति ने कवि गोष्ठी को विशेष आयाम दिया। इस अवसर पर नथुनी राय 'व्यथित', श्यामनारायण गुप्ता कन्हैया लाल 'सरस', कौशलेश पांडेय, भरत 'शब्द', सत्यप्रकाश शुक्ल 'बाबा' सहित अन्य कवियों ने भी अपनी शानदार रचनाओं से गोष्ठी को संगीतमय और भावविभोर बना दिया।  
  Click to listen highlighted text! प्रखर साहित्य संगम की 130वीं मासिक कवि गोष्ठी में गूंजे काव्य के सुर प्रखर साहित्य संगम की 130वीं मासिक कवि गोष्ठी में गूंजे काव्य के सुर ओंकारेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में हुआ आयोजन, कवियों ने श्रोताओं का मन मोहा लोकायुक्त न्यूज  बनकटा बाजार, कुशीनगर। प्रखर साहित्य संगम, बेलवा द्वारा आयोजित 130वीं मासिक कवि गोष्ठी रविवार को ओंकारेश्वर महादेव मंदिर, बेलवा कारखाना के प्रांगण में संपन्न हुई। हर माह की तरह इस बार भी काव्य प्रेमियों की मौजूदगी में कार्यक्रम में भावों की सुंदर रसधारा बही और श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से कवियों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ सुप्रसिद्ध संगीतज्ञ मंगल प्रसाद की मधुर सरस्वती वंदना वीणा वादिनी वर दे से हुआ, जिसने वातावरण को सुरमय बना दिया। इसके बाद मुरारी मतवाला की हास्य-विनोदी कविता सगरो रिश्ता क के देखीं एगो रिश्ता साढ़ू के ने खूब ठहाके बटोरे। आकाश महेशपुरी की रचना जिनिगिया हरदम नाच नचाइ ने कार्यक्रम को ऊंचाई दी, जबकि हिमांशु शेखर की कविता शब्दों के परिवहन मार्ग में ने विचारशीलता का संचार किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन कर रहे संतोष संगम ने नजरिया ह चाभी नजरिया ह ताला सुनाकर भावों की गहराई से श्रोताओं को जोड़े रखा। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि उमेश चौबे अश्क ने की, जिनकी गरिमामयी उपस्थिति ने कवि गोष्ठी को विशेष आयाम दिया। इस अवसर पर नथुनी राय व्यथित, श्यामनारायण गुप्ता कन्हैया लाल सरस, कौशलेश पांडेय, भरत शब्द, सत्यप्रकाश शुक्ल बाबा सहित अन्य कवियों ने भी अपनी शानदार रचनाओं से गोष्ठी को संगीतमय और भावविभोर बना दिया।  

प्रखर साहित्य संगम की 130वीं मासिक कवि गोष्ठी में गूंजे काव्य के सुर

प्रखर साहित्य संगम की 130वीं मासिक कवि गोष्ठी में गूंजे काव्य के सुर

blank

ओंकारेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में हुआ आयोजन, कवियों ने श्रोताओं का मन मोहा

लोकायुक्त न्यूज 

बनकटा बाजार, कुशीनगर। प्रखर साहित्य संगम, बेलवा द्वारा आयोजित 130वीं मासिक कवि गोष्ठी रविवार को ओंकारेश्वर महादेव मंदिर, बेलवा कारखाना के प्रांगण में संपन्न हुई। हर माह की तरह इस बार भी काव्य प्रेमियों की मौजूदगी में कार्यक्रम में भावों की सुंदर रसधारा बही और श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से कवियों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ सुप्रसिद्ध संगीतज्ञ मंगल प्रसाद की मधुर सरस्वती वंदना “वीणा वादिनी वर दे” से हुआ, जिसने वातावरण को सुरमय बना दिया। इसके बाद मुरारी मतवाला की हास्य-विनोदी कविता “सगरो रिश्ता क के देखीं एगो रिश्ता साढ़ू के” ने खूब ठहाके बटोरे। आकाश महेशपुरी की रचना “जिनिगिया हरदम नाच नचाइ” ने कार्यक्रम को ऊंचाई दी, जबकि हिमांशु शेखर की कविता “शब्दों के परिवहन मार्ग में” ने विचारशीलता का संचार किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन कर रहे संतोष संगम ने “नजरिया ह चाभी नजरिया ह ताला” सुनाकर भावों की गहराई से श्रोताओं को जोड़े रखा। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि उमेश चौबे ‘अश्क’ ने की, जिनकी गरिमामयी उपस्थिति ने कवि गोष्ठी को विशेष आयाम दिया। इस अवसर पर नथुनी राय ‘व्यथित’, श्यामनारायण गुप्ता कन्हैया लाल ‘सरस’, कौशलेश पांडेय, भरत ‘शब्द’, सत्यप्रकाश शुक्ल ‘बाबा’ सहित अन्य कवियों ने भी अपनी शानदार रचनाओं से गोष्ठी को संगीतमय और भावविभोर बना दिया।

 

  • Related Posts

    खरदर माता स्थान का होगा सौंदर्यीकरण, विधायक पी.एन. पाठक ने किया 1.53 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास

    खरदर माता स्थान का होगा सौंदर्यीकरण, विधायक पी.एन. पाठक ने किया 1.53 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास लोकायुक्त न्यूज कसया, कुशीनगर। शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन कसया नगर पालिका परिषद…

    अनामिका के बदलते बयान: कानून से खिलवाड़ या दबाव की साज़िश?

    अनामिका के बदलते बयान: कानून से खिलवाड़ या दबाव की साज़िश? पहले अभियुक्त बनाया, फिर आरोप को दिया झूठा करार, अब कोर्ट मे सच बोलने की कही बात लोकायुक्त न्यूज…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!
    Click to listen highlighted text!